प्यार
प्यार
ऐ यार हुई प्यार कि बरसात नहीं है
खुशियों से भरी आज तो सौग़ात नहीं है
बेचैन बहुत दिल है, न आराम मुझे भी
उनसे जो हुई आज मुलाकात नहीं है
आंखों से किए खूब इशारे तो प्यार के
उसने की मुहब्बत की शुरुवात नहीं है
वो खूब हमें करने लगे दिल से पसंद जो
ऐसी तो मगर ख़ास कोई बात नहीं है
रो रो के गुजारी हैं बहुत याद में तेरी
हिस्से में मेरे आई हसीं रात नहीं है
था साथ ख़ुदा का ही मुसीबत में यहाँ
हां दुश्मनों से खायी मगर मात नहीं है
तुम पास में बैठे हो जो डरते हुए आज़म
इतने तो गलत मेरे खयालात नहीं हैं।