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aazam nayyar

Abstract Inspirational Children

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aazam nayyar

Abstract Inspirational Children

ख़ूबसूरत

ख़ूबसूरत

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जहन में शक्ल है एक ही देखिये ?

ख़्वाब में रोज़ आने लगी देखिये 


देखकर अब झुकाने लगी है नज़र 

जब जवां वो हुई है कली देखिये 


शोख़ नज़रें किसी से यहाँ मिल रही 

प्यार की हो रही शाइरी देखिये


कौन दस्तक यहाँ दे रहा है मगर 

आज तो सज रही है गली देखिये


तोड़ आया दरीचा वो दीदार को 

इक हसीं से हुई आशिक़ी देखिये


भेजता मैं रहा प्यार का गुल उसे 

वो दिखाता रहा बेरुख़ी देखिये 


शेर आज़म ने जब भी पढ़ा प्यार का 

उसके चेहरे पे आई हंसी देखिए।


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