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प्रीति प्रभा

Abstract Romance

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प्रीति प्रभा

Abstract Romance

प्यार में दुश्वारियां

प्यार में दुश्वारियां

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ग़म का बादल छट जाता है

नयन का नीर भी घट जाता है


मुझे पुकारो मैं हूँ तुम्हारा

राही फिर से पलट जाता है


जीवन की राहें लम्बी है

तुम संग रास्ता कट जाता है


प्यार में दुश्वारियाँ मिल जाता है

दुःख बाँटो तो बट जाता है


चैन दिल को तब मिलता है

जब पहलू में सिमट जाता है


जब हमदम से ना शर्माए

रात का घूँघट हट जाता है


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