प्यार की मिसाल
प्यार की मिसाल
कुछ यूँ आजमाईशें कर रहा है ये मेरी ज़माना
हाथ में कंघी है पर सिर पर बाल नहीं
कैसे कहूँ कि मैं अब भी जिंदा हूँ
शारीर में हड्डी तो है पर वो खाल नहीं
मैंने भी देखी है वो शान-ओ-शौकत
और उसे खोने का मुझे कोई मलाल नहीं
मलाल जिस चीज का है बताता हूँ.....
सोचा था बिताऊंगा उसे साथ ज़िन्दगी सारी
लेकिन ये ख्याल रह गया मेरे ख़याल में ही
यूँ तो भुला दी है सारी यादें उसकी दिल से
पर अब भी मैंने रखा है संभाल कर उसका
रुमाल कहीं
आगे बढ़ने की कोशिश हर रोज़ होती है
लेकिन फिर सामने आ जाता है सवाल वहीं
क्या वो अब भी मेरे इंतज़ार में है
या किसी और के लिए बन गयी है सच्चे प्यार
की मिसाल कहीं