नया साल...!!
नया साल...!!
लो फिर से एक साल गुज़र गया
कोई बिगड़ा इसमें तो कोई निखर गया
अजीब सी ये बात है कैसे समय बीत जाता है
कोई पाता कामयाबी कोई हार जाता है
पर हारने का मतलब नहीं हार मान जाओगे
कोयले की खान में ही तो हीरा निकल आता है
अब जो हो गया उसे क्या सोचना
ज़ख्म मिले हैं जो उन्हें क्यूँ खरोचना
हर इंसान इससे होकर गुज़रता है
ये उदासी दूसरों को क्यूँ परोसना
याद करो उन्हें जो पल है सुहाने
आगे भी सोचो हमें साथ हैं बिताने
रो कर भी क्या उखाड़ लोगे तुम
न मिलेगा घर न मिलेंगे ठिकाने
छोटी छोटी खुशियों को दूसरों से बांटो
न करो बैर किसी से न किसी को डांटो
दिल ही दुखेगा किसी का इन बातों से
छोटी सी बातों को दिल से लगा लेते हैं लोग यहाँ तो
जो गुज़र गया उसे बीत जाने दो
नए रास्तों को अपने दिल में घर बनाने दो
मुस्कराहट और ख़ुशी देना सबको
और है ही क्या इंसान के पास औरों पर लुटाने को
इस नए साल में आओ ये संकल्प करें
अपने मनों का आओ कायाकल्प करें
बस खुलकर जीना है इस जीवन को
आओ मिलकर आज हम ये प्रण करें
शायद पिछले साल में बहुत कुछ पीछे छूट जायेगा
लेकिन नया साल भी तो कुछ नया लेकर आयेगा
बस आने वाले समय पर ध्यान लगा लो अच्छे से
बाकी बीता हुआ अपने आप सुधर जायेगा
ये वक़्त देखो कैसे पानी की तरह बह रहा है
आज एक और साल हमें अलविदा कह रहा है