प्यार का अंजाम
प्यार का अंजाम
ये बेवज़ह बेसुकूनी
ये बेमतलब के रतजगे
एक बेमियादी इंतज़ार
ये डूबता दिल
एक आस का तिनका
ये वक़्त का सैलाब
ये वक़्ती जज़बात
ये हराते हालात
ये ज़िंदगी अज़ाब
ये बढ़ते फ़ासले
ये टूटते हौसले
ये दरकते ख़ाबों के किले
कोई सिला नहीं मिलता
कोई रास्ता नहीं दिखता
कोई दुआ से काम नहीं चलता
क़दम क़दम पे मज़बूरी है
पता नहीं किस्मत की क्या मंजूरी है
लगता है बिछड़ना ज़रूरी है
कोई क़ातिल बेनाम होता है
कोई रुसवा सरे आम होता है
क्या यही प्यार अंजाम होता है ?