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डिजेन्द्र कुर्रे कोहिनूर

Romance

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डिजेन्द्र कुर्रे कोहिनूर

Romance

पूनम

पूनम

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बदरिया की घटाओ सी,तेरी जुल्फें ये कारे है

तेरे माथे की बिंदिया से, झलकते चाँद तारे है

कभी देखा नहीं हमने, किसी चंदा को मुड़ मुड़ के

मगर पूनम तेरी आँखों में,हमने दिल ये हारे है


गैरों से तेरा मिलना, मुझे तिल तिल जलाता है

मगर फिर भी मेरा ये दिल, तेरा ये गीत गाता है

तड़पता हूँ तुझे पाने को सपनों में भी जानेमन

चले आना मेरी पूनम, तुझे ये दिल बुलाता है


मेरे दिल में तेरे ही प्यार, का पूनम बसेरा है।

उजाला तू ही मेरी है, तेरे बिन सब अंधेरा है।

समझना मत कभी मुझको, पराया दूर का कोई।

प्रिया इतना समझ लेना, ये कोहिनूर तेरा है।


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