STORYMIRROR

डिजेन्द्र कुर्रे कोहिनूर

Inspirational

2  

डिजेन्द्र कुर्रे कोहिनूर

Inspirational

सृजन

सृजन

1 min
322

नव सृजन कर आगे चलो।

समाज को जोड़ो सरल

सात्विक बनो।

धीर बनो तुम वीर बनो,

देश के तुम परमवीर बनो।


शक्ति का तुम जागरण करो,

मनुज वृत्तियां निखरने दो।

दिव्य शक्तियां जागृत कर दो,

ध्यान मग्न में तुम तल्लीन हो।


नव श्रेष्ठ रचना आने दो ,

सृजन का गुण जगाने दो।

जीवन का अंधेरा भगाने दो,

ख़ुशियों का सवेरा आने दो।


संगीत की तान सुनाने दो,

भक्तिमय में डूब जाने दो।

सुंदर विचार मन में आने दो,

दिल का तार जुड़ जाने दो।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational