पूज्य मातामह की 36 वीं पुण्यतिथि पर
पूज्य मातामह की 36 वीं पुण्यतिथि पर
आपकी आशीष से है अपना जीवन खुशहाल,
हर पल आनंदमय है यह तव सीख का कमाल।
तुम दोनों ने मेरे हित त्यागा हर एक सुख-चैन,
असीम स्वेद बहाया जो कभी न भीगें मम नैन।
मेरी खुशियों के खातिर लिया सब जग से वैर,
स्नेह संस्कार से संवारा बचपन सुदृढ़ किए पैर।
सत्पथ पर दृढ़ता सीख बनी जीवन में सहायक,
अभाव में भी निर्वहन करें परहित जिस लायक।
आजीवन उठाए कष्ट बिना अपेक्षा के ही आप,
कुछ भी न कर सका मैं रहेगा आजीवन संताप।
निर्बलों की करूं मदद जो था आपका प्रिय काम,
तव आशीष से प्रभु शक्ति दें जब तक चिर आराम।
