STORYMIRROR

Dr. Vijay Laxmi

Abstract

4.7  

Dr. Vijay Laxmi

Abstract

पुनर्मिलन

पुनर्मिलन

1 min
285


पुनर्मिलन की खुशबू, उन दिनों की बातें,

दोस्तों संग, छलकते रंग की नशीली रातें।


फिर से मिलकर, हंसते हम साथ-साथ,

जीवन के सफर में ,पुनर्मिलन का हाथ।


बीते समय की सुखद यादें, लौटाती हमें,

मिलने की तमन्ना, करते अपनों की बातें।


दिलों के ख्वाबों को, पुनः सजाते हम,

पुनर्मिलन के पल, दिल में छुपाते गम।


सफर की यात्रा, फिर से यों शुरू होती,

पुरानी दोस्ती, सृज नई कहानियां बोती।


पुनर्मिलन का जश्न, मनाते हैं शौक से ,

साथ बीते लम्हों की, यादें ताजे छौंक से


जीवन का हर मोड़, पुनर्मिलन का प्यार,

दोस्तों से मिलती पुनः ऊर्जा बढ़े अपार।


पुनर्मिलन के पल में, खुशी का इज़हार,

ये कविता ,पुनर्मिलन की सुन्दर उपहार 

    



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract