पटना ये जो तुम डूब रहे हो
पटना ये जो तुम डूब रहे हो
पटना ये जो तुम डूब रहे हो,
इस वक्त तुम अब क्या सोच रहे हो,
है क्या यह सरकार की गलती ..?
या फिर तुम भगवान को कोस रहे हो।
पटना ये जो तुम डूब रहे हो,
इस वक्त तुम अब क्या सोच रहे हो,
हमने ही तो कचरा है फैलाया,
भ्रष्ट नेताओं को भी हमने ही जीताया,
तुम्हारी सृष्टि को भी हमने ही उजारा है,
हम सब की गलती तुम क्यूं झेल रहे हो।
तुम हमें क्यों नहीं कोस रहे हो,
पटना ये जो तुम डूब रहे हो।
पटना ये जो तुम चीख चिल्ला रहे हो,
किसकी मदद को गुहार लगा रहे हो,
सब नेताओं अपनी कान दबाए बैठे हैं
क्योंकि वह सभी अपने वोट लिए बैठे हैं।
क्या तुम अभी भी भगवान को कोस रहे हो
पटना ये जो तुम डूब रहे हो।
पटना ये जो तुम रो रहे हो,
हम सब की गलतियों को तुम,
अपने कांधे पे क्यूँ ढो रहे हो,
हमने ही तो नाले है धसाएँ,
नदियों पर भी घर है बनाए।
तुम हमें क्यों नहीं कोस रहे हो,
पटना ये जो तुम डूब रहे हो।