माँ
माँ
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हाथ जो तुमने थामा था माँ मेरी माँ ,
सौभाग्य है यह मेरा जो तेरे घर आया मेरी माँ।
रोता - बिलखता एक छोटे से बालक को ,
तुमने पाल- पोस कर इस कदर बनाया मेरी माँ ।।
तुम ना होती तो पता नहीं क्या होता,
यह दुनिया तो होती पर इस दुनिया में मैं ना होता ।
होती यहां सभी के घरों में ख़ुशियाँ ,
पर आपके घर कौन ख़ुशियाँ देने आता मेरी माँ ।।
लेकिन जब मैं जन्मा तेरे घर में ,
ख़ुशियों के जगह दर्द का सौगात लाया मेरी माँ ।
फिर भी सब झूम उठे मुझे देखकर ,
आप भी तो कितनी खुश थी मेरी माँ ।।
सोचता हूं फिर से बच्चा बन जाऊँ,
आपकी गोद में फिर से लिपट जाऊँ ।
आपकी गोद से अच्छी कोई जगह नहीं माँ ,
क्योंकि यह दुनिया बहुत बेरहम मेरी माँ ।।