पत्र जो लिखा मगर भेजा नहीं
पत्र जो लिखा मगर भेजा नहीं


माँ को अपने बेटे की याद हमेशा आती है
और उसकी यादों में हमेशा एक पत्र लिख जाती है।
सोचती है हर दफा उसे भेजने की
पर हमेशा बेटे को देश की रक्षा करता देख।
वो अपने लिखे पत्र को कहीं सहेज कर रख दिया करती है
वो नहीं चाहती की उनका बेटा कमजोर परेशान
क्योंकि देश की सेवा भी।