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Richa Bharti

Abstract

5.0  

Richa Bharti

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अनकही दोस्ती

अनकही दोस्ती

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कुछ रिश्ते अनकहे से होते हैं

उन्ही अनकहे रिश्तों में एक है

हमारी दोस्ती का रिश्ता

जिसमें न कोई औपचारिकता है।


और न ही कोई समय की पाबंदी

बस एक सच्चाई की बुनियाद है

दुनिया के सामने कितने भी

सुपरकूल बन ले

पर जब बात अपनी हो

तो हर डर साझा करते हैं हम।


सबकी नजरों में अनजाने है हम

पर एक दुसरे के लिए पहचाने हैं हम

दोस्ती के वादे सब कर जाते हैं

पर 24×7 कोई निभाते नहीं

क्योंकि वहाँ औपचारिकता होती है

पर अनकही दोस्ती ही मुझे अच्छी लगती है।


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