Richa Bharti
Abstract
मन करता है
उड़ती रहूं परिंदों की तरह।
मंडराती रहूं भंवरों की तरह।
पर ऐ निश्छल मन
वक्त की सुई को देख।
शाम ढलने को आई है
परिदें भी घर को लौट चले हैं।
आ तू भी अब लौट चल
रात के चकाचौंध से
सुबह के उजाले में
सपनों की सैर से
हकीकत की दुनिया में।
रिश्तों की पो...
पत्र जो लिखा ...
अनकही दोस्ती
अनजाना सफर
कहानी बिहार क...
मन
प्राकृतिक आपद...
वो टूट सकता है, पर झुक सकता नही, टूट कर भी वो खुश्बु देता है,सांसों से। वो टूट सकता है, पर झुक सकता नही, टूट कर भी वो खुश्बु देता है,सांसों से।
मिलावट की है इनमें प्यार की इसबार होली में। मिलावट की है इनमें प्यार की इसबार होली में।
होली के त्योहार पर भी उदासी का रंग चढ़ा हैै। होली के त्योहार पर भी उदासी का रंग चढ़ा हैै।
जो फेर लेते थे नज़रें तक देख कर तुझे मिलने को तरस जाएंगे।। जो फेर लेते थे नज़रें तक देख कर तुझे मिलने को तरस जाएंगे।।
धर्मी सोचता अब अपने संगत आया है अधर्मी अबकी अंगद पांव लाया है। धर्मी सोचता अब अपने संगत आया है अधर्मी अबकी अंगद पांव लाया है।
चुराया मैंने समुन्दर से मुठ्ठीभर अपनापन आकाश से कुछ उदारता लिये मेरे कुटीर को उश्वास! चुराया मैंने समुन्दर से मुठ्ठीभर अपनापन आकाश से कुछ उदारता लिये मेरे कुटीर को...
ए....ताज तेरे कदमों में आकर हर मोहब्बत परवान चढ़ा। ए....ताज तेरे कदमों में आकर हर मोहब्बत परवान चढ़ा।
खुश हो सबकी जिंदगानी सँवार दो हर जीव को। खुश हो सबकी जिंदगानी सँवार दो हर जीव को।
ज़िंदगी के खेलों में चोटें हमने भी खाई हैं ! ज़िंदगी के खेलों में चोटें हमने भी खाई हैं !
पर जब वह अपनों से धोखा खाता है तो मौन हो जाता है....। पर जब वह अपनों से धोखा खाता है तो मौन हो जाता है....।
होली में अब की बार, मार ना पिचकारी। होली में अब की बार, मार ना पिचकारी।
बीत गया है वक्त इस दर्द के सहारे तुम्हारा जाने कब तक मिलेगा इस नदी को किनारा। बीत गया है वक्त इस दर्द के सहारे तुम्हारा जाने कब तक मिलेगा इस नदी को किनारा।
ये हंसी मुश्किल से लौटी है इसे सहेज के रखिए ! ये हंसी मुश्किल से लौटी है इसे सहेज के रखिए !
ऐसे जीवन क्या जीना, जिसमे संघर्ष ही न हो। ऐसे जीवन क्या जीना, जिसमे संघर्ष ही न हो।
सचमुच मिला दे दिलों को होली बाँटे माधुर्य पकवानों के संग। सचमुच मिला दे दिलों को होली बाँटे माधुर्य पकवानों के संग।
नशा जरूरी है ज़िन्दगी के लिए, पर सिर्फ शराब ही नहीं है बेखुदी के लिए! नशा जरूरी है ज़िन्दगी के लिए, पर सिर्फ शराब ही नहीं है बेखुदी के लिए!
स्नेह के रंग से भर दो दुनिया सारी, देखो होली आई, होली आई। स्नेह के रंग से भर दो दुनिया सारी, देखो होली आई, होली आई।
फेसबुक पर चमके-दमके फेस आपका होली में । रंगरेज की चुनर सा रंगीला,भेस आपका होली में। फेसबुक पर चमके-दमके फेस आपका होली में । रंगरेज की चुनर सा रंगीला,भेस आपका होल...
ओवा मिली करी वादा करिये, इक बूट्टा सबना लाणा ज़रूर।। ओवा मिली करी वादा करिये, इक बूट्टा सबना लाणा ज़रूर।।
रसिया-होरी की मधुर तान चैती-फगुआ की बोली है। रसिया-होरी की मधुर तान चैती-फगुआ की बोली है।