पत्नी पीड़ित सब संसार
पत्नी पीड़ित सब संसार
एक राजा ने अपने मंत्री से कहा
इक बात तो हमको बतलाइए
अपने राज्य के शादीशुदा लोगों में
कितने मर्दों की घर में चलती है समझाइए
मंत्री बोला प्रभु न उलझाइए
रानी जी का ज़रा खौफ तो खाइए
फिर भी कहतें है तो पता करवा लेतें हैं
आज ही इन्तज़ाम करवा देते हैं
फिर नगाड़े बजे और एलान ये हुआ
सभी शादीशुदा जिनका मालिक ख़ुदा
कोई जात, कोई धर्म के बूढ़े या जवान
बिना छूटे सभी जन पहुंचे वहां
शाम होते ही शादीशुदा मर्दों का
नगर चौक पर ताँता लगने लगा
एलान पर सभी हैरान खूब थे
राजा, रानी और मंत्री सब मौजूद थे
मैदान में एक तरफ थे घोड़े खड़े
और एक तरफ थे सेबों के बोरे पड़े
हो क्या रहा था कुछ पता न चला
इतने में मंत्री ने ये हुक्म दिया
जिस शादीशुदा मर्द की घर में चले
घोड़ा ले, ले तबेले से आगे बड़े
जो घरवाली के अत्याचार में है दबा
उसके लिए वहां इक सेब है पड़ा
राजा हैरानी से आँखें मलते रहे
एक ही पल में सब सेब खाली हुए
पर फिर कोई हिम्मतवाला आगे बढ़ा
दे दो मुझे घोड़ा कहाँ हैं खड़ा
अपनी घर में चलाना कोई झक नहीं
मेरी चलती हैं घर में मुझे शक नहीं
लेके वो घोड़ा जो पहुंचा अपने घर
घर-वाली को जैसे ही आया नज़र
बोली ज़ुल्म तुने ये कैसे किया
हम सब गोरे तो घोड़ा काला क्यों लिया
वहीँ से वो लौटा राजा के महल
बोला राजा जी घोड़ा दे दो बदल
मेरी घरवाली कहती है ये ब्लैक है
मेरी फैमिली में इसका नहीं मैच है
हँसते राजा ने बोला न घबराइए
घोड़ा रख दीजिए सेब ले जाईये