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Lokanath Rath

Comedy Drama

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Lokanath Rath

Comedy Drama

पत्नी ही है रखती ख्याल......

पत्नी ही है रखती ख्याल......

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सुबह सुबह जब नींद से जगा भाई,

तो देखा पत्नी कहीं नजर नहीं आयी,

सोचा चलो कुछ पल की तो चैन आयी,

पर मैं गलत था, थोड़ी देर में एक आवाज आयी,

हाँ जी सुनते हो या नहीं!!


फिर अपने आप को बोला, इतने सालों से वही तो करता हूँ,

तुम बोलती हो और मैं सुनता आया हूँ,

कभी कुछ मैं बोला क्या? मैं तो चुप चाप सुनता हूँ


फिर एक बार जब वो आवाज़ सुना, तो दौड़ के पास गया,

हिम्मत जुटा के मैं खड़ा रहा,

फिर मुझे एक आदेश मिला,

क्या बाज़ार जाने को अभी वक़्त मिला?

फिर उनसे एक कागज में लिखें पर्ची मिला,

उसको ले के मैं तुरंत पकड़ा एक थैला,

अब जब मैं बाज़ार जाने तैयार निकला,

फिर से मुझे एक और आदेश मिला...


सब्जियाँ जरा देख के ठीक ठाक लेना,

पिछले बार जैसे गलती ना करना,

सारे सड़े हुए बेकार की सब्जी नहीं लाना,

ख़रीदारी जरा आप ठीक से करना,

थोड़ा अपनी आँख और दिमाग़ को ठीक करना,

अपनी मेहनत और पैसे को बर्बाद ना करना,

अब जरा देख के रास्ता में जाना.....


अब मैं सब सुन लिया,

मन में थोड़ा घुसा भी आया,

फिर सोचा क्यों मुझे पति बनाया,

ये कैसा ऊपरवाले की है माया,

थोड़ा रुका और पीछे देखा, कहीं कुछ छूट तो नहीं गया!

फिर संभल के आगे बढ़ता गया,

बाज़ार में पहुँच के सारी बात फिर याद किया,

पत्नी की बाते सच में बड़ी काम आई,

पैसे की कीमत मुझे ठीक से समझ में आई,

अब मेरी मेहनत बेकार नहीं हुयी ,

वो बोलती है, मैं सुनता हूँ, इसे ईमानदारी से निभाया,

सच में एक वो तो है जो मेरा सदा साथ दिया,

थोड़ी खुशी के साथ मैं मुस्कुराया,

सोच के "पत्नी ही है रखती ख्याल "अब समझ में आया......


सिर्फ इतना नहीं जब घर पहुँच गया,

सामने उसका मुस्कुराती चेहरा जब देखा,

थोड़ा मैं भी मुस्कुराते बैठ गया,

फिर वो बोली, चलो तैयार हो जाइए, समय हो गया,

इतने में फिर मैं घड़ी के और नजर घुमाया,

सच में समय तो हो गया, फिर मुझे क्यों ख्याल नहीं आया,

फिर मैं उठ के तैयार होने चला गया,

जब नहा धोके मैं कमरे में आया,

देखा मेरे कपड़ों के साथ मेरी पत्नी ने कहा,

ये आज पहन लीजिये, और मैं हाँ भर दिया,

अब जब तैयारी के साथ बाहर आया,

खाने को ठीक से परोसती पत्नी को पाया,

खाते खाते मेरे मन को बड़ा सुकून आया,

खाना जो इतनी स्वादिष्ट था की मन को छू लिया,

खाना खाके जब मैं निकलने गाड़ी के पास आया,

देखा पत्नी को थोड़ी दूर में और हाथ हिलाया,

वो मुस्कुराई और बोली, देख के जाइयेगा,

ये बात मेरे दिल को छू लिया,

और बोली जल्दी आईयेगा आज आप की सालगिरह है,

फिर मैं चौक गया,

सोचा कितना बुद्धुहूँ मैं की ये भी भूल गया,

पर वो कुछ नहीं भूलती, मुझे बड़ी शर्म आई,

पर बड़ा ख़ुश हुआ "पत्नी तो है रखती ख्याल ",

और शान से मुस्कुराया......



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