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वैष्णव चेतन "चिंगारी"

Abstract Others

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वैष्णव चेतन "चिंगारी"

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✍️पश्चमी-सभ्यता का असर✍️( 19 )

✍️पश्चमी-सभ्यता का असर✍️( 19 )

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मैने,

आपने,

सबने,

देखी हैं,

लड़कियां,

लेकिन.....,

वो लडकियां,

जो कि...,

अधनंगी-अधूरी सी,

लम्बी लम्बी टाँगें,

पतले-पतले हांथ,

सुन्दर-सुशील-संस्कारी,

पर .....,

अधढका बदन,

पूर्ण पश्चमी-सभ्यता का असर,

जैसे मानो कपड़ों की हो तंगी,

तभी तो दिखती हैं वो अधनंगी,

यहां मीलों में मिले फैली है,

कपड़ों का नहीं हैं यहां टोटा,

देखकर इनको लगता हैं, 

मानो कपड़ों की तंगी यहां,

पाश्चात्य-फैशन ने कर दी है

मानवता को ही कर दिया,

पूरा ही नंगा यहां,

अब रही नहीं वो मानवता,

क्या........?

यहीं हैं फैशन,

वही हैं क्या ?

लड़कियां...........?

       


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