पर्यावरण प्रदूषण
पर्यावरण प्रदूषण
जल, थल, उभयचर प्राणी,
होती तो बड़ी हैरानी,
बुद्धिमान तो मनुष्य को बनाया,
हम जानवरों को जिसने सताया।
हाथी, शेरओर जिराफ,
सबकी चिंता, भूख-प्यास।
मछली, मेढक तड़प रहे हैं,
प्रदूषण से सब सिसक रहे हैं।
कछुए को कुछ समझ न आये,
थल में या फिर जल में जाये।
रोना पेड़-पौधों को आये,
केवल काटा फिर ना लगाए।
पर्यावरण दिवस है मनाते,
और प्रदूषण इधर बढ़ाते।
हमारी मौन याचना पर दें ध्यान,
हम प्राणी हैं बेजुबान।
कृपया ध्यान इधर भी लायें
पर्यावरण दिन यूँ मनायें
नित्य नए पेड़ लगाएं,
प्रदूषण मुक्त धरा बनाएँ।
