प्रकृति फिर निखर आयी
प्रकृति फिर निखर आयी
अचानक से कोरोना आंधी बनकर आयी।
नुकसान में भी फायदा झोली भर ले आयी।
कोशिश करते थक गए थे यमुना नदी को साफ करने की,
ये कोरोना ने ही उसे साफ कर डाली,
प्रकृति फिर से निखर आयी।
धुंआ धुंआ सा आकाश हो गया था,
सबको घर में रखकर अपने को खूब सजाई,
फिर आकाश के अपना नीला रंग दिखाई।
प्रकृति फिर से निखर आयी।
कल - कारखाने से कितना छति होता है,
उसका भी एक झलक दिखलाई।
किससे हो रहा है क्षति प्रकृति को,
मानव को इसका एहसास दिलाई।
खरबो- अरबों कर रहे थे खर्चा गंगा में,
कोरोना ने नुकसान में भी अच्छाई दिखाई।
प्रकृति फिर से निखर आयी।