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Shah Talib Ahmed

Romance

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Shah Talib Ahmed

Romance

प्रिया प्रकाश

प्रिया प्रकाश

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तेरी आँखों की गहराई में डूबने वालो को तेरा कजरा कर जाये किनारे।

और जो तस्वीर तेरी हो आॅंखों से ओझल तो हर शक़्ल में तुझे निहारे।


कर्फ्यू लग जाये जो एक आँख तू मारे।

तेरी एक झलक के कायल मेरे मुल्क के कुँवारे।


तू शायर की ग़ज़ल, संगीतकार के बोल,

तुझमे ही सरगम के सुर सारे। 

तेरी मुस्कान दे जाए कितने डूबते को सहारे।


देखी तो बहोत पर कोई तुझसी नहीं।

तू है कोई अप्सरा या श्रृंगार की बाला।


तेरे नाम जपूं हर क्षण क्षण मैं

तू ही मेरी तस्बीह तू ही मेरी माला।

तुझको पाने पहुंच चुका हूं हर मंदिर, मस्जिद, चर्च खटखटाया हर एक गुरुद्वारा।


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