रिपब्लिक डे
रिपब्लिक डे
71 सालों की आज़ादी से
मोहब्बत बेशुमार रखते हैं।
हिंदुस्तान के लिए हाथ, पैर,
जान, नफ़्स के लहू का कतरा कतरा
बहाने को तैयार रखते हैं।
वतन पे बुरी नज़र डालने वाले को
परेशानियों में डाल रखते हैं।
वक़्त पड़ने पर गोली खाने को हम
अपनी पेशानी भी तैयार रखते हैं।
वतन परस्ती की शमा दिल में
बरकरार रखते है।
ऐ हिंदुस्तान हम तुझपे
अपनी जानिसार रखते हैं।
तुझ से पैदा हो कि तुझसे मिलके का
इख़्तेयार रखते हैं।
जो मिले ज़िन्दगी तो हिन्दुस्ता में मिले
यही ख़्वाहिश हर बार रखते हैं।
देश में अमन के ख़ातिर
सेना को सदा होशियार रखते हैं।
साथ ही अपने देश के दुश्मनों के
दिल में डर भी बरकरार रखते हैं।