"परिवार"
"परिवार"
क्या है परिवार ...??
एक ऐसा घर .....
जिसमें सारी खुशियां सारे रिश्ते
सारे अपने और कभी कभी पराएपन का एहसास मिल जाता हैं ... !!
जहां होती है जिंदगी की शुरुआत..
अपनों की उंगलियां पकड़कर
हम सीखते हर छोटी बड़ी चीज उस परिवार से ...!!
आता है समझ अपना अस्तित्व अपने परिवार से
हम देखते हैं छोटे करते बड़ों का सम्मान
और बड़े देते उन छोटो को अपना स्नेह और लाड ...!!
सीखते हम प्रेम, प्रेम में त्याग और बलिदान
कैसे होते हैं समर्पित एक दूसरे पर सिखाता हमें ये हमारा परिवार ...!!
कैसे बड़े अपने छोटों के लिए करते, खुशियों का समर्पण,
बिना किसी दुख, बिना किसी भय और बिना किसी पश्चाताप के,
ख़ुशी- ख़ुशी अपने हक दे देते अपनों को
और पा लेते थोड़े में भी अपना जहां ....!!
एक को ऊंचाई देने के लिए
दूसरा करता तमाम तरह के प्रयत्न
सारी परेशानियों को दूर करने का करता प्रयास
यह भी सीखते हम सब परिवार से,
समा जाता है सारा जहां उस परिवार में.....!!!
ज्ञान का पहला कदम ,पहली शिक्षा और पहला स्कूल होता है परिवार,
अच्छे और बुरे का अनुभव कराता,
इसीलिए परिवार एक छोटी इकाई ना हों कर
होता हैं एक ऐसा संसार
जहां से हम निकलते हैं परिपक्व होकर ,
संसार में तमाम तरह के उबड़ - खाबड़ रास्तों से गुजरने के लिए.... !!
हर वो चीज़ हम उस सब परिवार से हैं सीखते
जो बाद में हमें उस संसार में आगे बढ़ाने के लिए आती हैं काम....
और हम होते है तैयार
कदम से कदम बढ़ाने के लिए इस संसार से.....!!!