परित्याग
परित्याग
करें योग और रहें नीरोग मंत्र से
हमको जीवन बचाना होगा।
खतरे की देहरी पर खड़ी
मानव सभ्यता को बचाना होगा।
नशे के ज़हर के इस तांडव को
अब और न होने देना है।
स्वार्थ से ऊपर उठकर हमको
परमार्थ पथ पर बढ़ना होगा।
कलयुग के इस महा समर में
कृष्ण बनकर लड़ना होगा।
अन्याय और अनीति त्याग
सत्य का वरण करना होगा।
खतरे की देहरी पर खड़ी
मानव सभ्यता को बचाना होगा।