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परिचय करा दे

परिचय करा दे

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जो मेरा परिचय मेरी आत्मा से करा दे,

मेरी आकांक्षाओं को, उस अंबर तक पहुंचा दे

मन के प्रांगण में प्रज्वलित हों कुछ दीप ऐसे

जिनकी रोशनी को, दिव्य परमात्मा से मिला दे।


जो मेरे सूने जीवन में, गुलशन खिला दे,

मेरे अहम को जो एक क्षण में मिटा दे,

जीवंत कर दे निर्जीव सपनों को कुछ ऐसे

जीवन को उसकी परिभाषा बता दे।


जो दर्पण हो मेरे अनमोल अनुभवों का

जिसकी चितवन मुझे, माँ की याद दिला दे,

जिसके संग जीवन हो भले ही छोटा

मेरे हृदय से मृत्यु के डर को मिटा दे।


एक हैवान को जो इंसान बना दे,

बेईमान का जो ईमान जगा दे,

पवित्र हो जिसका मन जैसे चंदन

काश,ऐसे किसी से मुझको मिला दे।


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