प्रेयसी प्रेमतरंग
प्रेयसी प्रेमतरंग
तू जो बने पतंग तेरी डोर बनूँ में
तेरी ही दिशा में उडूं तेरी ओर बढूँ में
मेरे प्रियतम सबकुछ मेरे तुम जन्म जन्म की साथी बनूँ में।
होली का गुलाल बनूँ ,तेरे गालों का लाल बनूँ
वो शीतल टेसू पानी बनूँ में
मेरे प्रियतम सबकुछ मेरे तुम जन्म जन्म की साथी बनूँ में।
सावन का महीना बनूँ ,ठंड़ी सी फुहारें बनूँ
वो झूले की डोर बनूँ में
मेरे प्रियतम सबकुछ मेरे तुम जन्म जन्म की साथी बनूँ में।
साँवरिया की राधा बनूँ,रुक्मणी सा साथ बनूँ
मीरा सी दीवानी बनूँ में
मेरे प्रियतम सब कुछ मेरे तुम जन्म जन्म की साथी बनूँ में।