STORYMIRROR

Krati Varshney

Romance

4  

Krati Varshney

Romance

प्रेयसी प्रेमतरंग

प्रेयसी प्रेमतरंग

1 min
204

तू जो बने पतंग तेरी डोर बनूँ में

तेरी ही दिशा में उडूं तेरी ओर बढूँ में

मेरे प्रियतम सबकुछ मेरे तुम जन्म जन्म की साथी बनूँ में।


होली का गुलाल बनूँ ,तेरे गालों का लाल बनूँ

वो शीतल टेसू पानी बनूँ में

मेरे प्रियतम सबकुछ मेरे तुम जन्म जन्म की साथी बनूँ में।


सावन का महीना बनूँ ,ठंड़ी सी फुहारें बनूँ

वो झूले की डोर बनूँ में

मेरे प्रियतम सबकुछ मेरे तुम जन्म जन्म की साथी बनूँ में।


साँवरिया की राधा बनूँ,रुक्मणी सा साथ बनूँ

मीरा सी दीवानी बनूँ में

मेरे प्रियतम सब कुछ मेरे तुम जन्म जन्म की साथी बनूँ में।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance