मेरी माँ
मेरी माँ
एक शब्द जिसमें समाया है सारा संसार वो है माँ,
जिसने रचा है मुझे ,जिससे है मेरा अस्तित्व वो है माँ||
मेरे लिए मेरे सर का ताज, और मेरा गुरूर है मेरी माँ,
मैं जैसी हूँ, इस लायक बनाया जिसने मुझे है मेरी माँ||
प्यार, संवेदना एवं दुलार की पराकाष्ठा है मेरी माँ,
सहनशीलता, दृढ़ता एवं धीरज की परिभाषा है मेरी माँ||
मेरे बाऊजी की लाडली बहु मेरी अम्मा की प्यारी है मेरी माँ,
जिस रिश्ते में परखी गयी वहाँ वहाँ खरी उतरी है मेरी माँ||
दूसरों को मान सम्मान की रोशनी से प्रकाशित करने वाली मेरी माँ,
लाख दुखों को सहकर भी मेरा धीर बढ़ाती मेरी माँ,||
गीत संगीत में सरस्वती, भोजन में अन्नपूर्णा है मेरी माँ,
धरती पर अगर है भगवान तो वो है मेरी माँ||
जीवन के संघर्षों में कभी टूटी तो कभी बिखरी है मेरी माँ,
ज़िंदगी की ठोकरों से निखरी है मेरी माँ||
खुद को गँवार सुनकर भी अपने बच्चों के सपने पूरे करने वाली मेरी माँ,
यूँ तो बहुत मुश्किल है मुझे मेरी माँ जैसा बन पाना,
कोशिश रहेगी कि कुछ तो आप जैसी बन पाऊं मैं मेरी माँ.....||
मेरी माँ....