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Vishweshwar Kabade

Action

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Vishweshwar Kabade

Action

परेशान

परेशान

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मैं जीवन और मृत्यु के बीच में 

यही मुझे समझना 

ना समझे तो 

सिर्फ है पछताना 

भौतिक सुखोंसे मैं 

हर बार परेशान 


अध्यात्मिक सुखने बढाई 

मेरी शान 

कई बार कलियुग ने बढाई 

मेरी महत्वकांक्षा 

मैं भूल गया

अध्यात्मिक आकांक्षा 


सब कुछ समझ कर भी 

मैं ना समझ 

क्यूं की मेरा मन अस्थिर 

धीरे धीरे करना है उसे स्थिर

दूर करके अशांति

लानी है जीवन में शांति


बहुत हो गया

बिना कारण दौड़ना 

ना ना मुझे नहीं

अब अटकना

मनुष्य जीवन का

सबसे बडा लक्ष्य मोक्ष


बाकी सब बंधन 

रहने दो मुझे

इसका स्मरण 

हे ईश्वर करता हूँ मैं

तुम्हें बार बार नमन। 


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