मुक्ती
मुक्ती
1 min
224
मुझे अब है जागना
इस कलियुगसेेे चले जाना
जान लिया है मैंने अब दुःख का कारण
मुझे अभी मिल गया है उसका निवारण
जान ली है मैंने अध्यात्मिक शक्ति
यही दे देगी मुझे जन्मचक्र से मुक्ति
मुक्ती नहीं है मुश्किल
सिर्फ माया से दूर जाना है मुझे आज या कल
सत्य को करना है आत्मसाथ
कोई नहीं देनेेवाला यहाँ साथ
सबको लौटना है खाली हाथ
तो क्यूं करू मैं अफसोस
होकर यहाँ मायूस
समझ में आया है अब जीवन का मर्म
सिर्फ करणे बाकी है कुछ कर्म
मिथ्या है ये कलियुग का बाजार
जिधर देखो उधर सिर्फ है भ्रष्टाचार
जीवन का सबसेे बडा लक्ष्य है मुक्ति
इसीलिए मैं कर रहा हूं भगवन तेरी भक्ति।