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Sunil Kumar

Inspirational

4  

Sunil Kumar

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प्रेरणा

प्रेरणा

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प्रेरणा पति की बनना तुम 

सुख-दुःख मिलकर सहना तुम।


मैल कोई न मन में रखना तुम

मिल जुलकर सबसे रहना तुम।


सदकर्मों में चित लगाना तुम

व्यर्थ न समय गंवाना तुम।


मन-वचन-कर्म से रहना पवित्र तुम 

कटु वचन किसी को न कहना तुम।


सुख-दुःख की संगी बनना तुम

कठिन समय धीरज धरना तुम। 


निंदा-चुगली से हमेशा बचना तुम 

कठपुतली कभी न बनना तुम।


बहकावे में किसी के न आना तुम

छल- प्रपंच में मन न लगाना तुम।


फूलों की तरह मुस्कुराना तुम 

पत्नीधर्म सदा निभाना तुम।



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