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पूजा भारद्वाज "सुमन"

Abstract Romance

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पूजा भारद्वाज "सुमन"

Abstract Romance

प्रेम

प्रेम

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प्रेम क्या हैं और क्या परिभाषा है प्रेम की

संसार के हर कण में प्रेम

प्रेम की शक्ति अपार है

प्रेम प्रतिज्ञा है, प्रेम प्रतीक्षा है 

प्रेम पायल की झंकार,

माथे की बिंदिया है प्रेम

हाथों में पिया के नाम की मेहँदी है प्रेम

श्याम को खुश करने के लिए राधा नाम है प्रेम

सती राख तो शिव का तांडव है प्रेम

इस संसार में हर इंसान,

पशु पक्षी सब में है प्रेम

नदी का सागर से मिलना है प्रेम

चकोर का चांद को एक

 टक देखते रहना है प्रेम

प्रेम एक निश्छल भाव है

 ढाई अक्षर में व्याप्त है प्रेम

सब के जीवन में अनमोल है प्रेम

प्रेम कदमों की आहट है

हवा के झोंकों की सरसराहट है

उनका प्रेम मेरे जीने की वजह है

उनका मेरे लिया चिंता करना 

एक मन में तसल्ली का एहसास हैं प्रेम

कोई है मेरे लिए जिसका प्रेम मैं हूं

प्रेम मेरे लिए उनके कंधे पर

एक सुकून की नींद है

मेरे दर्द होने पर उनके माथे की 

सलवट है प्रेम 

रात को नींद में प्यार भरा चुम्बन है प्रेम

एक खुशनुमा एहसास है प्रेम

निरंकार है, ओमकार है प्रेम।



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