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Reetu Devi

Abstract

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Reetu Devi

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प्रेम पिपासा

प्रेम पिपासा

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हम हैं पूतों भावों के भूखे।

मत करो कभी व्यवहार रूखे।।

गिरने सेे पहले  हाथ थामना।


गम हो या खुशी पल साथ रहना।।

हम भार नहीं है लाडलों मेरे।

हम जलता दीया निशि के तेरे।।


थोड़ी सी जगह रखना हिय अपने।

चाहे तू बुनते रहना सपने।।


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