कन्यादान
कन्यादान
करके कन्यादान
मत झाड़ लीजिए पल्ला
देख सुख संसार
दीजिए अपनी प्यारी जान,
देकर दूसरे हाथ में
न कम होने दीजिए
कन्या का मान।
वो भी है आपका अंग,
देती रही है
सुख-दुख में संग।
बढ़ते रहे जीवन में
कीजिए हौसला अफजाई,
सुनकर मुंह न मोड़िए
सुनकर लाडली की बुराई।
है वो भी बुढ़ापे की लाठी,
फूल सी मुस्कान,
देते रहिए साथ सदा
खिलने में बागवान।
