वीर सैनिक
वीर सैनिक
ओ वीर सैनिक!
है फिजाओं में खुशबू
तू ही है वजह।
है दिल में सुकून
नैनों में हर्ष
डटा रहता सरहद पर
चट्टान की तरह।
है तुझ में
शक्ति अदम्य
लांघ नदियां,सागर, पर्वत
हरता रहता प्रतिक्षण
देशवासियों के भय
बनाता नजारा रम्य।
पहुंच बर्फीली चोटी
करता रिपुओं को परास्त
छाती पर लगी गोलियों की
न कर परवाह कभी
लहराता तिरंगा होकर मस्त।
देख जिसे मुस्काते
होठ सभी
होता सीना गर्वित
अश्रु , मोती बन चमकते
हो हर्षित।
तू रहे सलामत
करे राष्ट्र तेरी इबादत।
