प्रेम पावन पंथ सबसे सुहाना।….
प्रेम पावन पंथ सबसे सुहाना।….
प्रेम पावन पंथ सबसे सुहाना।….
चाहत की बात में ख़ुशी ख़ज़ाना ।
सब रंग खील उठे जब मिलना जुलना ।।
बसंत ऋतु है ही मन भावन
झूम उठो प्यारे जैसे सुमन
छा जायेगी सौरभ अंतर विश्व पटल पर
ग़ज़ल छेड़ दो खुद को सजाकर।।
बुलबुल कोकिल कंठ मधुर मधुरा
हो मुस्कान भरा जब संग तुम्हारा।
आओ बजायें उर की बंसी,
हम तुम और उपवन संग खीलें तराना ।
सच है प्रेम पावन पंथ सबसे सुहाना।।
स्नेह समर्पण है जग आभूषण
मिट जाये सब बैर का दूषण।।
संत वेलेन्टाईन दिन दे संदेशा
सागर चाँदनी जैसा है संग तुम्हारा।
लाल गुलाब प्रतीक प्यारा ही प्यारा ।।
कैसे न छलके?
चंचल नयन अधर से स्नेह फुहारा।
हो मुस्कान भरा जब संग तुम्हारा।।(२)