वदे विवेकानंद कल्यानी बानी....
वदे विवेकानंद कल्यानी बानी....
नाम नरेन्द्र और पिता विश्वनाथ
भली भोमका कलकत्ता नगरी।
गुरु कृपा भयी ,तत्वदर्शी परंहंसकी
मैया भुवनेश्वरीकी आराध्या महाकाली।।
जग चेतना जगाने आया वेदान्ती
चला धर्म संसद शिकागो।
भारतीय संस्कृति स्वाभिमान हमारा
नव युगमें कुछ करनेकी ठानो।।
बड़ी व्यायाम शाला विश्व हमारा
फ़ौलादी जनशक्ति हो हमारी।
जितना बड़ा संघर्ष खेलना शिखेंगे
अंकित होगी यश-युगी कहानी।।
फूल है तो होंगे कंटक भी संगमें
समय संजोगोसे है टकराना।
ज्ञान कौशल है , नवयुगका शस्त्र
ठानो, हमके पीछे चले ज़माना ।।
है अपने युवा गति शक्ति वतनकी
विवेकानंद वदे कल्यानी बानी।
उन्नत राष्ट्र ही सम्मान हमारा
जागो बढ़ो युवाओं, भारत देश है प्यारा।।
