सरदार अटल विश्वासी…
सरदार अटल विश्वासी…
सरदार अटल विश्वासी…
अहिंसा सत्याग्रह है अमोघ शस्त्र,
देती संदेशा गांधी बानी।
देशसे बढ़कर कुछ भी है न
मतवालोंने मनसे ठानी।।
सुनो सुनो प्यारे वतनके साथी
आजादीकी ये अमर कहानी।
बैरिस्टर नीडर और जोशीला
युवा वल्लभ बना सेनानी।।
पडा अकाल और रोग मरकीसे जन दुखी
बना झवेरभाईका लाड़ला सेवादली।
सुख परिवार अब, माँ लाडबा तव शिरे
किसान सत्याग्रहसे यात्रा केदकी होगी।।
बापुके सरदार थे अटल विश्वासी
केद कष्टोंसे नहीं कभी वह डरते।।
अन्यायके आगे नहीं कभी है झुकना
दांडीकूच सहायक बन घूमे जोश भरते।।
बना कोंग्रेस प्रमुख, मुत्सदी मेधावी
लाल गुजराती सच्चा भेखधारी।
हुआ विभाजन, बहे रक्तकी धारा
सँभाली कुनेहसे ये विपदा भारी।।
गृह प्रधान, उप प्रधान मंत्री बने देशके
शान प्रजातंत्रकी जगे बढ़ाई ।
लोह पुरुष प्यारे नेता अैक्य अभिमानी
कुट नीतियोंमें लाल सरताज सवाई।।
अखंड भारतका स्वप्न सजाया
देश प्रेमसे सबको समझाया ।
जनजन उर वतन स्नेह संवारा
काश्मीरसे कन्याकुमारी अटल विश्वास पाया।।
भगीरथ काम किया पटेल वल्लभ भाई
शत शत वंदन, दे युग दुहाई।।(२)