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पवन (pawan) तिवारी (Tiwari)

Drama Romance

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पवन (pawan) तिवारी (Tiwari)

Drama Romance

प्रेम का कथ्य

प्रेम का कथ्य

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शिल्प के मोंह में ही फंसा रह गया

प्रेम का कथ्य तो अनकहा रह गया

वो कहानी में बन नायिका छा गयी

मैं तो पुस्तक में बस प्राक्थन रह गया


प्यार के आवरण का अनावरण हो

दिल के द्वारे तुम्हारा प्रथम चरण हो

जीवन साथी बनाने से पहले तुम्हें

सोचा तुम संग हृदय से समर्पण हो


बिन समर्पण सफल प्यार होता है क्या

बिन विश्वास सम्बन्ध होता है क्या

हो समर्पण तो विश्वास आ जाएगा

प्रेम में मेरा – तेरा भी होता है क्या


तुम जो आई तो उर में सवेरे हुए

खुशियों के सारे पुष्प मेरे हुए

कैसे लोकार्पण मैं करूँ प्रेम का

कुछ रहा ना मेरा सब तो तेरे हुए


पवन तिवारी

poetpawan50@gmail.com

सम्पर्क - 7718080978


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