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Neerja Sharma

Abstract Tragedy

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Neerja Sharma

Abstract Tragedy

प्रभु से प्रार्थना

प्रभु से प्रार्थना

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एक नहीं कई ट्विंकल हो चुकी है हवस का शिकार

हे प्रभु अब तो जागो ले लो फिर से आप अवतार।


पापियों के पाप का घड़ा अब भर चुका 

ज़मीर मानो इन पापी इंसानों का मर गया ।


इन्हें इंसान कहने में भी अब आती शरम

राक्षसों से भी बदतर हैं जिनके करम।


संस्कारों की संस्कृति भारत भूमि में ये पाप हो रहा 

इन पापियों को अब खात्मा करने का वक्त हो रहा ।


कानून , हड़ताले व जलूस सब हैं विफल

कुकर्मी,वहशी,दरिंदे घूम रहे होकर सफल।


निर्मम हत्या करने वाले पापियों के भार से 

प्रभु ,माँ का बोझ कम कर दो प्रताप से।


अब तो प्रभु अवतरित हो ही जाओ

इन पापियों को सजा दे ही जाओ।


आप पर विश्वास आज भी हम आपके भक्त

 धरती माँ को कर दो इन पापियों से मुक्त।


हम लाचार आपकी शरण में हैं आए 

कुछ अनहोनी कर दो जो सजा दे जाए।


फिर खोलो तीसरी आँख या छोड़ो सुदर्शन

न देख पाए ये सब पापी सूरजअगले दिन ।



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