पराई
पराई
एक घर पति का एक पिता का
मेरा घर कौन सा बताए कोई मुझे
एक के लिए पराई एक के लिए पराए घर से आई
मेरा कौन अपना बताए कोई मुझे
काम करूं तो चरित्रहीन ना करूं तो गंवार
क्या करूं ये कोई बताए मुझे
तुम हाथ उठाओ तो सही मैं उठाऊं तो गलत
क्यों ये कोई बताए मुझे
मुझसे जन्मे मुझसे वंश बढ़ा
फिर भी मैंने कुछ नहीं दिया क्यूं ये कोई बताए मुझे
तुम सबकुछ मैं कुछ भी नहीं ये कैसी रीत
ये कोई समझाए मुझे।