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Abhilasha Deshpande

Romance

4  

Abhilasha Deshpande

Romance

रिश्ता

रिश्ता

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तेरा मेरा रिश्ता

इश्वर भी समझ पाया 

इसलिये उसने ये जाल बिछा़या।


दिल के किसी कोने मे है 

तस्वीर तेरी उस तस्वीर से 

कर लेते है दीदार हम।


दिल का क्या है वो 

अक्सर तुट जाता है

सुहाने सपने जैसा वो

हमसे रुठ जाता है।


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