प्रार्थना
प्रार्थना
प्रातः वंदन---------------
अंबे वीणा वादिनी, दे प्रकाश भरपूर।
अर्पित तन मन धन करूँ, विपदा हो सब दूर ।।
जग कल्याणी माँ करें, निशिदिन तेरा ध्यान।
हर दिन पूजा में करूँ, तुझको अपना मान।।
माता तू जगदंबिके, सुमरूँ बारंबार।
तू तो माँ सुनती सदा, जो आए हैं द्वार।।
माता कष्ट निवारिणी, कर दो बेड़ा पार।
दुखों को अब दूर करो, आये तेरे द्वार।।
सुमिरन तेरा हम करें, सुन लो विनती आज।
बिगड़े सभी सुधार दो, अब तो हमरे काज।।
द्वार तेरे हम खड़े, अब तो सुनो पुकार।
आओ शेरावालिये करो राक्षस संहार।।