पल पल एहसास होता है
पल पल एहसास होता है
पल पल एहसास होता है
गिरने और संभलने का
पग पग मुश्किल आती है
इन राहों पर चलने का
एक अलग ही अनुभव होता है
किसी ना किसी से मिलने का
अगर कोई त्रुटि हो जाए
दिल पर बोझ होता है
खुद ही खुद में खलने का
ऐसा नहीं कि यूं ही बह जाए
अवसर मिलता है संभलने का
जैसे हैं वैसे ही रहना
हमें नहीं आता गिरगिट की तरह रंग बदलने का
आभार उनका करती हूँ
सत्कार उनका करती हूं
सौभाग्य है इस जीवन पर
परम पिता परमात्मा की छत्रछाया में पलने का।