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Chandresh Kumar Chhatlani

Inspirational

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Chandresh Kumar Chhatlani

Inspirational

पिज़्ज़ा-बर्गर

पिज़्ज़ा-बर्गर

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खाने की भड़कती है ज्वाला,

चाहे ना पिए कोई हाला.

बन सकता है खाना भी इक भाला,

जो फ़ास्ट-फ़ूड है पेट में डाला.


पेट बन जाएगा कूढ़ाघर

भटकेगा कचरा पेट में दर-बदर.

लहू भी हो जाएगा तेल से तर

छोड़ के महाप्रसाद खाया है जो ज़हर.


खा लो इसे जो तुम सिर्फ एक साल,

जुबान के स्वाद को पेट तक डाल,

ऐसा होगा इक दिन तुम्हारा हाल,

जाना पड़ेगा भाग के हस्पताल।



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