पिता
पिता
बचपन में थाम के उंगली चलना सिखाया है
गिर भी गये तो संभलना सिखाया है
जीवन में कभी ना झुकना सिखाया है
राहों में कभी ना रुकना सिखाया है
अकेली राहों पर ना डरना सिखाया है
अपने अस्तित्व के लिए लड़ना सिखाया है
दर्द में भी हमें हंसना सिखाया है
हर परिस्थिति से गुजरना सिखाया है।
अपना दर्द भूल उन्होंने हमें हंसाया है
जिंदगी जीने का एक तरीका बताया है
इस मतलब की दुनिया का हर पहलू दिखाया है
जीवन की हर मुसीबत से हमें बचाया है
हमारी निगाहों में एक सपना सजाया है
और उस सपने की ओर हमें उड़ना सिखाया है।
बचपन से लेकर आजतक उन्होंने सिर्फ हमें सिखाया है
कभी सोचा है इसके बदले उन्होंने हमसे क्या पाया है
