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Dr. Chanchal Chauhan

Action Inspirational

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Dr. Chanchal Chauhan

Action Inspirational

पिता -स्तम्भ

पिता -स्तम्भ

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पिता वो स्तंभ है जिसकी धूरी

अपने परिवार पर घूमती है

 विशेष कर बच्चों के इर्दगिर्द घूमती है


 पिता का दिल हमेशा 

अपने बच्चों की भलाई ही चाहता है 

 तभी तो पिता की तुलना

 बरगद के पेड़ से की जाती है


जो आंधी-तूफान में भी अडिग 

रहकर अपने बच्चों की रक्षा करता है।

बच्चे के जीवन में पिता स्तंभ 

की तरह होते हैं जो उन्हें कभी भी 

कैसी भी परिस्थिति में गिरने नहीं देते।


पिता जीवित हो या अजीवित

हमेशा उनकी दुआ सिर पर होती है

मेरे पिता भी स्तम्भ है मेरा

मेरा विश्वास है मेरे पिता

मेरा अस्तित्व है मेरे पिता 

मेरा जीवन है मेरे पिता 

मेरे पिता आज इस दुनिया में नहीं है


किन्तु उनके दिये संस्कार आचार विचार

आज भी सजीव है मेरे अस्तित्व में 

व अन्तःकरण में मेरे बच्चों में 

वो अजीवित भी जीवित है

मेरे इरादों व मेरी प्रेरणा में

एक मजबूत स्तम्भ की तरह 

मेरे जीवन में

मेरे जीवन में।।


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