पिता-जीवन का आधार
पिता-जीवन का आधार
आप हो वृक्षों की लंबी कतार
शीतल और छायादार
धरा सा कोमल हृदय
या कहूँ अंतहीन आकाश
जहाँ पंखों ने मेरे लिया आकार
निडर हो भरने को उड़ान
अतुलनिये जिसका प्यार,,
पिता -आप ही मेरे जीवन का आधार
अनहोनी की आशंकाओं में
थके कदमों से भी बने रहे पहरेदार
भूला के सारे स्वपन अपने
मेरे सपनों को सदा किया सकार
और दिखाया मुझे ये सुंदर संसार
पिता -आप ही मेरे जीवन का आधार