पिता जी की सीख
पिता जी की सीख
इस बार जब रविवार आया
पिता जी ने सबको बुलाया
अंताक्षरी खेलेंगे ऐसा बताया
अपनी बारी में एक सुंदर गीत गाया
और सबके दिन को यादगार बनाया
गीत की पंक्तियाँ -
आजमां कर देखो
नाच उठोगे
दिल बागबाँ हो जाएगा।
भूखे को देना रोटी
जब वो निवाला
उसके मुँह में जाएगा
आशीर्वाद मन से मिलेगा
और मजा आ जाएगा।
आजमां कर देखो
नाच उठोगे
दिल बागबाँ हो जाएगा।
बेरोजगार को काम दिलाना
पैसा कमा कर घर वो जाएगा
देश का भविष्य बनाएगा।
आशीर्वाद मन से मिलेगा
और मजा आ जाएगा।
आजमां कर देखो
नाच उठोगे
दिल बागबाँ हो जाएगा।
शादी गरीब बेटी की
तुम जरुर जाना
सुकून तुम्हें भी मिलेगा
जब कन्यादान उसको जाएगा।
आशीर्वाद मन से मिलेगा
और मजा आ जाएगा।
आजमां कर देखो
नाच उठोगे
दिल बागबाँ हो जाएगा।
कड़वा बोल करे अपमानित
निन्दा सबकी पाएगा
मिश्री घोल मीठा बोल
जब कानों में जाएगा
आदर मान सबसे मिलेगा
और मजा आ जाएगा।
आजमां कर देखो
नाच उठोगे
दिल बागबाँ हो जाएगा।
सब उठेंगे देश उठेगा
सब बढ़ेंगे देश बढ़ेगा
बस एक कदम ले लेना दिल से
भलाई का
तिरंगा और ऊँचा फहराएगा।
और मजा आ जाएगा।
आजमां कर देखो
नाच उठोगे
दिल बागबाँ हो जाएगा।