पिता होते हैं खास
पिता होते हैं खास
पिता दिवस जब जब भी आता,
मुझको बहुत रुलाता।
हर शब्द मेरा अमूल्य बन,
झर झर आंसू बहाता।
मेरे कोमल मन के भावों को,
कभी हंसाता कभी रुलाता।
पिता दिवस जब जब भी आता,
मुझको बहुत रुलाता।
पिता का प्यार जिनको मिलता,
हो खुश हो इतराता।
बचपन से जिसका साया छूटा,
वह छुप छुप गमों को छुपाता।
पिता दिवस जब जब भी आता
मुझको बहुत रुलाता।