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Shashi Rawat

Inspirational

4  

Shashi Rawat

Inspirational

पिघल जाए मोम भी

पिघल जाए मोम भी

2 mins
374


कहते है शिव 

शक्ति के बिना अधूरे है 

और शक्ति शिव के बिना 

जब सती का देह 

अग्नि में जल गया था 

तब भगवान शिव 

पागल हो गए थे 


उन्हें कोई सुध ही नहीं थी 

दीन-दुनियाँ की 

बस सती के देह को लेकर 

भटकते रहे ब्रह्माण्ड में 

उनके लिए सती के बिना 

जीना ऐसा था जैसे 

शरीर के बिना आत्मा 


ठीक ऐसे ही 

उनके आराध्य 

भगवान विष्णु भी 

जब भी वो पृथ्वी में जन्म लेते 

हमेशा लक्ष्मी उनकी पत्नी बनती 

उनको भी राम के अवतार में 

सीता से दूरी का वियोग सहना पड़ा 


इन सब बातों का 

यही मतलब है कि 

पुरुष और स्त्री 

एक-दूसरे के पूरक हैं  

दोनों अधूरे है एक दूसरे के बिना 


मगर जब से अल्ट्रासाउंड 

मशीन का आविष्कार हुआ 

तब से लिंग परीक्षण शुरू हो गया 

भ्रूण का लड़की होने का पता चलते ही 

उसे गिरवा देते हैं  

उसे दुनियाँ में आने से पहले ही 

मार दिया जाता है 

अबॉर्शन कर के 


बल्कि मशीन का इस्तेमाल 

इसलिए किया जाता है ताकि 

पता चल सकते कि भ्रूण का 

विकास अच्छे से हो रहा है या नहीं 

अगर कोई परेशानी या कमी है 

तो माँ-बाप को बता दिया जाता है 


मगर हमारे देश में 

किसी चीज का इस्तेमाल 

सही तरीके से बाद में होता है 

पहले उसका दुरूपयोग 

शुरू हो जाता है


बाहर देश में भी 

अल्ट्रासाउंड होता है 

लिंग की जांच होती है 

लड़का या लड़की है 

बताया जाता है 


माँ-बाप स्वागत करते है 

नन्हीं सी जान का 

चाहे लड़की ही क्यूँ न हो 

उन्हें नहीं मार दिया जाता 

दुनियाँ में आने से पहले  


आजकल नारा भी दिया जाता है 

"कोख में बेटी मरोगे तो बहू कहाँ से लाओगे"

एक तरीके से हम सब 

प्रकृति के नियम से 

छेड़छाड़ किए जा रहें हैं  

असंतुलन उत्पन्न कर रहें हैं  

पुरुष और औरतों की संख्या में 


ये मत भूलो कि 

तुम्हें भी एक औरत ने ही जन्म दिया 

एक बहन ने हाथों में राखी बाँधी 

एक टीचर ने तुम्हें ज्ञान रूपी शिक्षा दी 

एक अपना घर छोड़कर तुम्हारे घर 

तुम्हारी पत्नी बनकर आई 

तुम्हें और तुम्हारे घर को संवारा 

एक नन्हीं सी कली तुम्हारे हाथों में आई 


और सच बताओ इतनी खुशी 

तुम्हें अपने पास होने की 

भी नहीं हुई होगी 

जितनी कि पहली बार 

उसके तुम्हारे हाथ पकड़ कर 

चलने पर हुई होगी 

इतनी खुशी तुम्हें अपनी 

कामयाबी पर भी नहीं हुई होगी 

जितनी की उसकी 

कामयाबी पर हुई होगी 


और उतना दुःख तुम्हें 

अपने फेल होने पर 

भी नहीं हुआ होगा 

जितना कि उसकी विदाई 

पर हुआ होगा 

उस समय ऐसा लग रहा होगा 

जैसे कोई तुम्हारा दिल 

तुम्हारे जिस्म से निकालकर 

दूर ले जा रहा हो 


सोचो अगर औरतें 

ही नहीं होगी 

सारे मर्द होंगे 

तो दुनियाँ कैसे 

चलेगी आगे 

कौन आगे वंश 

बढ़ाएगा आपका ?

सब थम जाएगा

रूक जाएगा सब


अगर आपको डर है 

आज के माहौल का 

तो उसे सशक्त बनाए 

हर चुनौती से लड़ने की

कोई उसकी तरफ कोशिश करें 

आँख उठाने की तो वो

जल के भस्म हो जाए 

उसकी आँखों के सूर्य से 

इतना तेज हो उसमें की

पिघल जाए मोम भी...


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